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ग्रीनफील्ड कॉलोनी

मुख्यमंत्री घोषणा के तहत ग्रीनफील्डस की RWA आवासीय सुधार मण्डल ने डी टी पी को बिजली कनेक्शन के तीस हजार रुपए ब्याज समेत UIC से वापिस करवाने के लिए दिया ज्ञापन ।

आवासीय सुधार मण्डल की टीम दिलवाएगी बिजली कनेक्शन के लिए दिए गए 30 हजार रुपए ब्याज समेत वापिस :

आज आवासीय सुधार मण्डल की टीम के द्वारा DTP दफ्तर में बहुत ही महत्वपूर्ण ज्ञापन सोंपा गया है जिसमें ग्रीनफील्डस कॉलोनी के बिजली उपभोगताओं को UIC की संपत्तियों को कुर्क करके 30 हजार रुपए ब्याज समेत लौटाने के लिए नगर योजनाकर फरीदाबाद से निवेदन किया गया । इस मौके पर प्रधान आचार्य आदित्य शर्मा, उप-प्रधान RETD लेफ्टिनेंट कामेश्वर पांडे, सचिव अधिवक्ता सन्नी खण्डेलवाल, कोषाध्यक्ष एम के वर्मा, एक्सएकूटिव मेम्बर श्री गोपाल किशन मौजूद रहे । सचिव अधिवक्ता सन्नी खण्डेलवाल ने बताया कि 1 नवंबर 2021 को माननीय मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर ने एक घोषणा की थी जिसमें उन्होंने कहा है कि नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग द्वारा डेवलपरों से नगद जमा अथवा उनकी ऋणग्रस्त संपत्तियों को कुर्क कर बिजली के “बुनियादी ढांचे (infrastructure development charge) की कमी हेतु वसूली की जाएगी । डेवलपरों से शुल्क वसूली के बाद उपभोगताओं से वसूले गए अग्रिम विकास राशि उन्हें वापिस कर दी जाएगी । इसके आधार पर उन्होंने जिला योजनाकार फरीदाबाद से मांग की है कि ग्रीनफील्डस कॉलोनी की डेवलपर अर्बन इम्प्रूवमेंट कंपनी की संपत्ति से वसूली कर ग्रीनफील्डस के उपभोगताओं को 18 प्रतिशत प्रति वर्ष ब्याज के साथ अग्रिम विकास राशि वापिस करवादी जाए ।

मिलीभगत की वजह से नहीं होती अर्बन इम्प्रूवमेंट कंपनी की जरूरी जानकारियाँ ग्रीनफील्डस की जनता के सामने उजागर :

सचिव अधिवक्ता सन्नी खण्डेलवाल ने यह भी बताया की अर्बन इम्प्रूवमेंट कंपनी के पास ग्रीनफील्डस में बिना बिके लगभग 300 करोड़ रुपये के प्लॉट अभी बाकी हैं लेकिन फिर भी कंपनी शातिर तरीके से निवासियों की जेब काटने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है । अगर अर्बन इम्प्रूवमेंट कंपनी ने केस संख्या 37 of 2011 CO A SB दिल्ली हाई कोर्ट में लगाई गई application no 249 of 2018 को गुपचुप तरीके से वापिस नहीं लिया होता तो NHPC चौक, मथुरा रोड स्थित 2250 वर्ग गज का प्लॉट जिसकी कीमत लगभग 40 करोड़ रुपये तक हो सकती है , की नीलामी हो गई होती । उक्त रकम से सब स्टेशन का निर्माण भी हो जाता और 30 हजार का ड्राफ्ट देने का सिस्टम भी खत्म हो गया होता और MCF को कॉलोनी का हस्तांतरण भी हो गया होता । उन्होंने इस बात को लेकर केस से जुड़ी सभी पार्टियों की मन्शा पर भी प्रश्न चिन्ह खड़ा किया है । साथ में यह भी कहा है कि आवासीय सुधार मण्डल की टीम सदैव ग्रीनफील्डस वासियों और कॉलोनी के मुद्दों की आवाज हमेशा उठाती रहेगी । उन्होंने यह भी बताया कि आवासीय सुधार मण्डल की टीम के द्वारा इस संदर्भ में प्रथम चरण की कार्यवाही आरंभ कर दि गई है ।

ग्रीनफील्डस वासियों को बिजली कनेक्शन के लिए UIC को देना पड़ता हैं तीस हजार रुपये का ड्राफ्ट :

ग्रीनफील्डस वासियों को नए बिजली के कनेक्शन के लिए अर्बन इम्प्रूवमेंट कंपनी को 30 हजार रुपये का ड्राफ्ट जमा करवाना होता है । फिर अर्बन इम्प्रूवमेंट कंपनी DHBVN के नाम एक अन्य 30 हजार का ड्राफ्ट उक्त उपभोगता को देती है जो फिर DHBVN में कनेक्शन लेने के लिए उसको जमा करवाता है । इस प्रक्रिया में ग्रीनफील्डस कॉलोनी के उपभोगताओं पर नाजायज आर्थिक भार तो पड़ता ही है साथ ही समय भी बहुत बर्बाद होता है । जो उपभोगता कनेक्शन में नाम बदलवाना चाहते हैं या लोड बढ़वाना चाहते हैं और उनका कनेक्शन 2013 से पहले का है तो उनको भी 30 हजार का ड्राफ्ट जमा करना पड़ता है । जहां नाम बदलवाने का खर्च DHBVN में केवल मात्र 150 रुपए हैं लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण ग्रीनफील्डस के उपभोगताओं को इस काम के लिए 30 हजार का ड्राफ्ट और UIC के न्याय विरुद्ध इन्सिडेन्टल चार्जेस मिलाकर खर्चा लाखों रुपये में देना पड़ता है ।

क्यों ग्रीनफील्डस के उपभोगताओं को बिजली कनेक्शन के लिए देने पड़ते हैं UIC को 30 हजार रुपये :

जैसा की सभी प्राइवेट कॉलोनी डेवलपर्स को कॉलोनी में बिजली डिस्ट्रीब्यूशन इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार कर के देना पड़ता है उसी प्रकार से अर्बन इम्प्रूवमेंट कंपनी को भी बिजली डिस्ट्रीब्यूशन इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करके देना था । 2011 में dhbvn द्वारा उस समय बिजली का पिछला बकाया जोकी 8 करोड़ रुपये था तथा बिजली infrastructure डेवलपमेंट के लिए 7.94 करोड़ की देनदारी uic पर लगाई थी लेकिन uic ने यह राशि dhbvn को जमा नहीं की थी । dhbvn ने फिर ग्रीनफील्डस कॉलोनी को नए बिजली कनेक्शन देने बंद कर दिए थे जो की फिर 2013 में हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश के बाद 30 हजार रुपए हर नए कनेक्शन पर देने के हिसाब से चालू कर दिए गए थे ।

कर्ज अर्बन इम्प्रूवमेंट कंपनी का , चुकाना पड़ रहा है ग्रीनफील्डस कॉलोनी के उपभोगताओं को :

आवासीय सुधार मण्डल के प्रधान आचार्य आदित्य शर्मा ने सवालों का जवाब देते हुए बताया की “अब तक करीब 13.5 करोड़ रुपये की भारी भरकम रकम ग्रीनफील्डस कॉलोनी की भोली जनता की जेब से चालबाजी करके UIC ने निकलवा ली है और यह सिलसिला अभी भी जारी है । यह जो UIC का कर्ज था उसको यहाँ ग्रीनफील्डस की भोली भाली जनता को अपनी खून पसीने की कमाई से चुकाना पड़ रहा है जो की सरासर अन्याय है । ग्रीनफील्डस के कुछ बिल्डर्स व स्वयंभू फर्जी समाज सेवी और अर्बन इम्प्रूवमेंट कंपनी की मैंनेजमेंट की मिलीभगत से नाजायज भर ग्रीनफील्डस के रेसीडेंट्स पर डलवा दिया गया था । आवासीय सुधार मण्डल ग्रीनफील्डस कॉलोनी निवासियों के हित में ऐसे ही जन कार्य करती रहेगी और सामाजिक कार्य करवाने हेतु समाज को प्रेरित करती रहेगी । ”

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