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फरीदाबाद

ग्रीनफील्डस कॉलोनाइजर और बिल्डर की मिलीभगत के चलते 10 परिवारों पर बना घर से बेघर होने का संकट ।

फरीदाबाद की पॉश ग्रीनफील्डस कॉलोनी के C 3649 के 10 मासूम परिवारों के ऊपर घर से बेघर होने का आ गया है संकट।

प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्रीनफील्डस कॉलोनी की डेवलपर अर्बन इम्प्रूवमेंट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा वर्ष 2004 में मनमानी और गलत तरीके से प्लाट संख्या C 3649 का अलॉटमेंट रद्द करके किसी और पार्टी को बेच दिया गया था । इसके खिलाफ रद्द हुए प्लाट के मालिक पार्टी ने कोर्ट में केस दायर कर दिया था।
केस के लंबित और विचाराधीन होने के दौरान ही बाद वाली पार्टी ने ये प्लाट आगे बेच दिया । और फिर वर्ष 2016 में ये प्लाट ग्रीनफील्डस के एक बिल्डर ने ले लिया । जिसके बाद तत्कालीन UIC मैनेजमेंट व बिल्डर की सांठगांठ से यहां पर एक बिल्डिंग खड़ी कर दी गयी और 10 मासूम परिवारों को धोखे में रख कर उनको एग्रीमेंट व पावर ऑफ अटॉर्नी पर फ्लैट बेच दिए गए । जिसमें 2016 के तत्कालीन UIC मैनेजमेंट ने जानते हुए भी की इस प्लाट पर केस चल रहा है, बिल्डर को बिल्डिंग बनाने की अनुमति दी और फ्लैट का mutation भी किया ।


अब प्लाट के पुराने मालिक माननीय उच्चतम न्यायालय से C 3649 का केस जीत गये हैं । केस जीतने वाले प्लाट के मालिक द्वारा बताया गया है कि UIC कंपनी ने उनके 2 प्लाट : C 3649 व C 3675 , गलत तरीके से पूर्व में कैंसिल कर दिए थे और वो प्लाटों को आगे अलॉट कर दिए थे जिसके लिए वह तभी से कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं ।

बताया गया है कि UIC और बिल्डर ने मिलीभगत कर 10 मासूम परिवारों को गुमराह किया है और उन्हें धोखाधड़ी कर शिकार बनाया गया है । मासूम व पीड़ित परिवार अथाह संकट में आ गए हैं । इन परिवारों पर अपने जीवन यापन का संकट बन गया है ।

बताया गया है कि C 3649 पर बने यह फ्लैट ग्रीनफील्डस कॉलोनी के एक नामी बिल्डर श्री केशव अग्रवाल (Rich Look Properties) व नमन के तत्वाधान में एक कंपनी से खरीदे थे । स्थानीय निवासियों ने यह बताया है कि ग्रीनफील्डस कॉलोनी में कुछ बिल्डर अपने वर्करों के नाम पर कंपनी बना लेते हैं और उस कंपनी के नाम से व्यापार करते हैं ।

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