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फरीदाबाद

ग्रीनफील्डस कॉलोनी में कुछ बिल्डरों के द्वारा किए गए बिजली घोटाले का शिकार हुए सैंकड़ों मासूम रेसीडेंट्स ।

ग्रीनफील्डस कॉलोनी में सैंकड़ों निवासियों को मिले बिजली विभाग से नोटिस :

पिछले कुछ दिनों के अंतराल के दौरान ग्रीनफील्डस कॉलोनी में सैंकड़ों बिल्डिंग के आगे DHBVN बिजली विभाग द्वारा बिल्डर की बकाया राशि को रेसीडेंट्स फ्लैट मालिकों के बिजली खाते में बराबर मात्रा में जोड़ कर वसूलने के नोटिस चिपकाए गए हैं ।

बेकसूर फ्लैट मालिकों में मचा हड़कंप :

इन नोटिसों के मिलने के बाद बेकसूर खरीददार फ्लैट मालिक रेसीडेंटस में हड़कंप मच गया है । बिजली विभाग ने बिल्डरों के बकाया बिल लगभग 20 हजार से लेकर 5 – 5  लाख तक की राशि के बकाया बिलों को नाजायज तरीके से रेसीडेंट्स के बिल में जोड़ने का नोटिस दिया है ।

बिजली कर्मियों से बिल्डर की सांठगांठ होने की आशंका :

पीड़ित व धोखाधड़ी के शिकार रेसीडेंट्स का कहना है कि बिल्डर ने जब बिल्डिंग बनाई होगी तब बिल्डर  ने मीटर रीडर से सांठगांठ कर बिजली के बिलों में कम रीडिंग लिखवाई होगी । जब चारों फ्लैट बिक गए उसके बाद बिल्डर के मीटर की वास्तविक मीटर रीडिंग के हिसाब से बिल अगया । बिल्डर को बोलने पर भी बिल्डर ने बकाया बिल नहीं चुकाया और अब बिजली विभाग बिल्डर के कर्ज को बेकसूर फ्लैट मालिकों से वसूलने की कार्यवाही कर रहा है । पीड़ित रेसीडेंट्स का मानना है कि इस तरह से फर्जीवाड़ा करने वाले बिल्डर के खिलाफ कोई भी कार्यवाही न करते हुए बेकसूर रेसीडेंटस से बिल्डर के कर्जे को वसूलना एक बहुत बड़ी नाइंसाफ़ी है ।

क्या हैं बिजली के बकाया राशि को वसूलने के नियम :    

ग्रीनफील्डस कॉलोनी की प्रमुख RWA आवासीय सुधार मण्डल के एक पदाधिकारी ने पत्रकारों के प्रश्नों के जवाब में बताया कि पहली बात यह है कि अगर किसी का बिजली कनेक्शन बिल 10,000 हजार से ज्यादा का होता है और उपभोगता अगर उसको समय से जमा नहीं करवाता है तो DHBVN विभाग उस उपभोगता को 2 दिन में बकाया राशि जमा करने के लिए फोन के माध्यम से सूचित कर देता है और बिल न जमा होने की दिशा में मीटर को काट देता है । फिर पाँच – पाँच लाख तक बिल्डर का बिना चुका बिल कैसे पहुँच गया । यह आश्चर्यजनक है ।

दूसरा कि चालबाज बिल्डर के खिलाफ गिरफ़्तारी की कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है ? धोखेबाज बिल्डरों को क्यों बचाया जा रहा है ? और मासूम निवासियों के सर पर जालसाज बिल्डरों का बोझ क्यों डाला जा रहा है ?

तीसरा बात यह है कि जब भी कोई नया मीटर लगता है तो उस बिल्डिंग की NO DUES चेक की जाती है । जिसके बाद ही रेसीडेंट्स का मीटर लगता है इसलिए बिल्डर के द्वारा की गई गबन की राशि निर्दोष फ्लैट खरीदार रेसीडेंट्स ऊपर डालना गलत है ।  

चौथी बात यह है कि HARYANA ELECTRICAL UNDERTAKINGS (DUE RECOVERY) ACT, 1970 के अंतर्गत बकाया राशि वसूलने का प्रावधान उस गबन करने वाले बिल्डर के ही, समस्त प्रदेश में, लगे हुए उसी के नाम के मीटर से ही वसूल करने का है । इसलिए अन्य मासूम व बेकसूर निवासियों से यह वसूली करना ठीक नहीं है और बिल्कुल भी न्यायसंगत नहीं है ।

बिजली मीटर लेने के दौरान आधार id  जमा करानी होती है । बिल्डर की आधार ID के माध्यम से समस्त प्रदेश में उसके नाम से लगे हुए मीटर का पता किया जा सकता है । तहसीलदार को पत्र लिख उस बिल्डर की निजी संपत्ति से यह राशी बहुत आसानी से वसूली जा सकती है ।  

वार्ता के दौरान यह भी बताया कि उनकी संस्था आवासीय सुधार मण्डल ग्रीनफील्डस के बेकसूर निवासियों के साथ हो रही इस सरा सर नाइंसाफ़ी के खिलाफ आदरणीय DHBVN अधिकारियों के साथ वार्ता व विनती करेंगे और जरूरत अनुसार कानूनी लड़ाई भी लड़ेंगे । साथ में यह भी मांग कि है कि सैंकड़ों की संख्या में हुए इस तरह के बिजली स्कैम की जांच सीआईडी य मुख्यमंत्री विजिलेन्स के द्वारा करवाई जानी चाहिए ।

MANKIND COMPANY के डायरेक्टर श्री राजीव जुनेजा का भी नाम सामने आया है :

अब तक इस तरह के बिजली बिल राशि भुगतान नहीं करने में बिल्डर राजिंदर सिंह, कपिल दुआ, AAA बिल्डर, अनिल कान्त शर्मा समेत कई अन्य सैंकड़ों बिल्डरों का नाम सामने आया है । सी 3649 के संदर्भ में भारत की जानी मानी हस्ती राजीव जुनेजा जी का नाम भी सामने आया है ।

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